आज के इस लेख में हम आपको (GMP) ग्रे मार्केट के बारें सब कुछ विस्तार से बतानेवाले है, अक्सर शेयर बाजार में निवेश करने वाले कई लोग आईपीओ (Initial Public Offering) के दौरान अच्छा पैसा कमाने की उम्मीद रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईपीओ से पहले भी शेयरों की खरीद-बिक्री होती है? जी हां इस अनौपचारिक तरीके को “ग्रे मार्केट” कहते हैं। ग्रे मार्केट वह जगह है जहां आईपीओ लिस्टिंग से पहले निवेशक शेयरों की ट्रेडिंग करते हैं, और इस दौरान जो कीमत लगाई जाती है, उसे “ग्रे मार्केट प्रीमियम” (GMP) कहा जाता है।
ग्रे मार्केट कैसे काम करता है?
ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक और गैर-विनियमित बाजार है। इसका मतलब है कि यह किसी एक्सचेंज या कानूनी प्लेटफॉर्म पर नहीं चलता। इसमें जो भी लेन-देन होता है, वह पूरी तरह से बिचौलियों के माध्यम से होता है, जिनकी अपनी निजी व्यवस्था होती है।
जब कोई कंपनी अपना आईपीओ लाने वाली होती है, तो कुछ बड़े निवेशक या ट्रेडर्स आईपीओ से पहले शेयरों को खरीदने-बेचने का सौदा करते हैं। यह ट्रेडिंग कंपनी की ओर से नहीं होती, बल्कि बिचौलियों के माध्यम से होती है। निवेशक आईपीओ से पहले ही शेयर खरीदने के लिए अधिक कीमत चुकाते हैं, ताकि वे लिस्टिंग के दिन इसे ऊंचे भाव पर बेच सकें।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या होता है?
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) वह अतिरिक्त कीमत होती है, जो निवेशक आईपीओ के घोषित मूल्य से ऊपर देकर शेयर खरीदने के लिए तैयार होते हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी कंपनी के आईपीओ का इश्यू प्राइस ₹500 है और ग्रे मार्केट में उसका GMP ₹100 है, तो इसका मतलब है कि निवेशक उस शेयर को ₹600 (₹500 + ₹100) में खरीदने के लिए तैयार हैं।
इससे निवेशक यह अनुमान लगाते हैं कि आईपीओ लिस्टिंग के दिन शेयर की कीमत इससे भी ऊपर जा सकती है। GMP को लिस्टिंग गेन का एक संकेत माना जाता है, लेकिन यह हमेशा सही साबित नहीं होता।
क्या ग्रे मार्केट में निवेश करना सुरक्षित है?
ग्रे मार्केट पूरी तरह अनौपचारिक है, इसलिए इसमें निवेश करने का कोई कानूनी सुरक्षा कवच नहीं होता। यदि शेयरों की डिलीवरी में कोई समस्या होती है या कीमतें गिर जाती हैं, तो निवेशक को कोई संरक्षण नहीं मिलता। इसीलिए, नए और छोटे निवेशकों के लिए इसमें शामिल होना काफी जोखिम भरा हो सकता है। यह बाजार केवल अनुभवी निवेशकों के लिए उपयुक्त माना जाता है, जो रिस्क को समझते हैं और उसके लिए तैयार रहते हैं।
ग्रे मार्केट में शेयर कैसे खरीदे जाते हैं?
ग्रे मार्केट में शेयर खरीदने का कोई आधिकारिक तरीका नहीं है। इसमें प्रमुख रूप से बिचौलिए या ब्रोकर काम करते हैं, जो बड़े निवेशकों को आईपीओ से पहले शेयरों की पेशकश करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन होती है, और शेयरों की डिलीवरी आम तौर पर लिस्टिंग के दिन होती है।
निवेशकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ग्रे मार्केट में की गई कोई भी ट्रेडिंग पूरी तरह से उनके जोखिम पर होती है, क्योंकि इसमें सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) का कोई नियमन नहीं होता।
ग्रे मार्केट और आईपीओ लिस्टिंग गेन का संबंध
ग्रे मार्केट का मुख्य उद्देश्य आईपीओ की लिस्टिंग के दिन संभावित लाभ का अंदाजा लगाना होता है। यदि किसी आईपीओ का GMP बहुत ऊंचा है, तो इसका मतलब है कि उस आईपीओ के प्रति निवेशकों की धारणा बहुत सकारात्मक है, और लिस्टिंग के दिन इसके अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। हालांकि, यह एक अनुमान मात्र है और इसमें निश्चितता नहीं होती।
निष्कर्ष
अंत में आज हमने ग्रे मार्केट के बारें में जाना। जिसे आईपीओ से पहले निवेशकों को शेयरों की अनौपचारिक खरीद-बिक्री का मौका देता है, लेकिन यह बाजार काफी जोखिम भरा हो सकता है। क्योंकि ग्रे मार्केट का उपयोग बड़े निवेशक लिस्टिंग गेन का अंदाजा लगाने के लिए करते हैं, लेकिन छोटे निवेशकों को इसमें शामिल होने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें कोई कानूनी सुरक्षा नहीं होती। जिसकी वजह से आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है, इसलिए हमारी आपको एक सलाह है कि अगर आपको शेयर बाजार में नए हैं तो आपको ग्रे मार्केट में कभी भी निवेश नहीं करना चाहिए।
ग्रे मार्केट के बारें में पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q. ग्रे मार्केट क्या है?
ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक बाजार है जहां आईपीओ लिस्टिंग से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। यह बाजार किसी भी सरकारी नियामक संस्था के तहत नहीं आता और इसमें ट्रेडिंग बिचौलियों के माध्यम से होती है।
Q. ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) क्या होता है?
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) वह अतिरिक्त कीमत होती है, जो निवेशक आईपीओ के इश्यू प्राइस से ऊपर देकर शेयर खरीदने के लिए तैयार होते हैं। यह निवेशकों द्वारा आईपीओ लिस्टिंग के दिन संभावित लिस्टिंग गेन का अनुमान लगाने में मदद करता है।
Q. क्या मैं ग्रे मार्केट में कानूनी रूप से निवेश कर सकता हूँ?
नहीं, ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक बाजार है और इसमें कोई कानूनी सुरक्षा नहीं होती। इसलिए इसमें निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
Q. ग्रे मार्केट में शेयर खरीदने का क्या तरीका है?
ग्रे मार्केट में शेयर खरीदने का कोई आधिकारिक तरीका नहीं है। इसमें बिचौलिए या ब्रोकर होते हैं जो निवेशकों के लिए शेयरों की पेशकश करते हैं, और यह पूरी प्रक्रिया ऑफलाइन होती है।
Q. क्या GMP से मुझे लिस्टिंग गेन का सही अनुमान मिल सकता है?
GMP एक अनुमान होता है और यह लिस्टिंग के दिन शेयर की संभावित कीमत का संकेत देता है। हालांकि, यह हमेशा सही साबित नहीं होता, इसलिए इसके आधार पर निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।
Q. ग्रे मार्केट का आईपीओ पर क्या प्रभाव होता है?
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से आईपीओ की संभावित मांग का अनुमान लगाया जाता है। यदि GMP ऊंचा है, तो इसका मतलब है कि आईपीओ की लिस्टिंग प्राइस अधिक हो सकती है, लेकिन इसका निश्चित तौर पर कोई असर नहीं होता।
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