EaseMyTrip प्लानर्स के प्रोमोटर निशांत पिट्टी ने हाल ही में कंपनी में अपनी 14% हिस्सेदारी 920 करोड़ रुपये में बेच दी है। इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद, कंपनी में निशांत पिट्टी की हिस्सेदारी 28.13% से घटकर 14.22% रह गई है। इस लेन-देन ने न केवल शेयर बाजार में हलचल मचाई है, बल्कि कंपनी के निवेशकों के बीच चिंता भी बढ़ा दी है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस हिस्सेदारी बिक्री का क्या प्रभाव पड़ा, इसे किसने खरीदा, और कंपनी की आगे की रणनीति क्या हो सकती है।
निशांत पिट्टी ने क्यों बेची EaseMyTrip की हिस्सेदारी?
निशांत पिट्टी, जो EaseMyTrip के सह-संस्थापक हैं, ने खुले बाजार के लेन-देन के जरिये 24,65,49,833 शेयर बेचे हैं। ये शेयर 37.22-38.28 रुपये प्रति शेयर के प्राइस रेंज में बेचे गए, जिससे कुल सौदा 920.06 करोड़ रुपये का रहा। इस हिस्सेदारी बिक्री के पीछे निशांत पिट्टी की कोई व्यक्तिगत या कंपनी से जुड़ी विशेष वजह तो सामने नहीं आई है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि इस कदम का उद्देश्य किसी निवेश योजना को अमल में लाना या अन्य निवेश अवसरों का लाभ उठाना हो सकता है।
EaseMyTrip की हिस्सेदारी बिक्री का कंपनी पर प्रभाव
इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद, निशांत पिट्टी की कंपनी में हिस्सेदारी 28.13% से घटकर 14.22% रह गई है। इसके साथ ही, EaseMyTrip में प्रोमोटरों की कुल हिस्सेदारी भी 64.30% से घटकर 50.39% हो गई है।
इस खबर के बाजार में आने के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। बीएसई (BSE) पर कंपनी के शेयरों में 15.32% की गिरावट दर्ज की गई और शेयर 34.70 रुपये के अपने ऑल टाइम लो स्तर पर पहुंच गए। यह गिरावट इस बात की ओर इशारा करती है कि निवेशक इस हिस्सेदारी बिक्री को नकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं।
हिस्सेदारी किसने खरीदी?
इस हिस्सेदारी को खरीदने वाले निवेशकों में Core4 Marcom और क्राफ्ट इमर्जिंग मार्केट फंड PCC शामिल हैं। Core4 Marcom ने ईजी ट्रिप प्लानर्स के 5 करोड़ शेयर खरीदे हैं, जबकि क्राफ्ट इमर्जिंग मार्केट फंड PCC ने 1.05 करोड़ शेयर खरीदे हैं। इन शेयरों को 34.25-37.95 रुपये प्रति शेयर की कीमत सीमा में खरीदा गया, जिससे इन सौदों की कुल वैल्यू 225.71 करोड़ रुपये हो गई।
EaseMyTrip का कारोबार और भविष्य
EaseMyTrip एक प्रमुख ऑनलाइन ट्रेवल बुकिंग प्लेटफॉर्म है, जो हवाई टिकट, होटल बुकिंग और हॉलिडे पैकेज जैसी सेवाएं प्रदान करता है। कंपनी की स्थापना 2008 में निशांत पिट्टी, रिकांत पिट्टी और प्रशांत पिट्टी ने की थी। यह कंपनी भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है और ट्रैवल इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
तिमाही नतीजे और कंपनी का प्रदर्शन
EaseMyTrip ने हाल ही में Q1FY25 के नतीजे घोषित किए, जिसमें कंपनी ने अपने समेकित शुद्ध लाभ में 31% की वृद्धि दर्ज की। यह लाभ ₹25.9 करोड़ से बढ़कर ₹33.93 करोड़ हो गया, जबकि कंपनी की कुल आय अप्रैल-जून की अवधि में बढ़कर ₹156.22 करोड़ हो गई, जो पिछले साल इसी अवधि में ₹126.64 करोड़ थी।
हालांकि, कंपनी के कुल खर्च भी इस तिमाही में बढ़कर ₹109.03 करोड़ हो गए, जो पिछले साल ₹91.56 करोड़ थे। इसके बावजूद, कंपनी ने मुनाफे में स्थिरता बनाए रखी है। EaseMyTrip के को-फाउंडर और CEO, निशांत पिट्टी ने कहा, “हमने संबंधित अवधि के दौरान अपने लाभ में वृद्धि बनाए रखी और मुनाफे पर फोकस के साथ ऑपरेशन की गति को स्थिर रखा।”
EaseMyTrip के शेयरधारकों भविष्य की चुनौतियां
इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद, EaseMyTrip के शेयरों में और भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, कंपनी का तिमाही प्रदर्शन मजबूत रहा है, लेकिन प्रोमोटर की हिस्सेदारी बिक्री ने निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। ऐसे में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कंपनी आगे किस तरह की रणनीति अपनाती है और निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाती है।
EaseMyTrip के शेयरों ने पिछले एक साल में 1.8% की गिरावट दर्ज की है, जबकि इसी अवधि में BSE सेंसेक्स में 28.6% की वृद्धि हुई है। इस हिस्सेदारी बिक्री के बाद, निवेशकों के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कंपनी की बाजार में स्थिरता बनी रहती है या और गिरावट देखने को मिलती है।
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